भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने वीरवार को ‘अग्निपथ’ योजना को ‘‘एक उल्लेखनीय” मानव संसाधन पद्धति बताते हुए कहा कि इससे सशस्त्र बलों की युवा फौज सुनिश्चित होगी। अग्निपथ योजना को 2022 में शुरू किया गया था। इसके तहत सैनिकों को 4 साल के लिए सशस्त्र बलों द्वारा अग्निवीर के रूप में भर्ती किया जाता है। सेवा के बाद वे अपने समाज में वापस जा सकते हैं और अपनी पसंद का करियर बनाने के लिए अन्य क्षेत्रों में नौकरियां हासिल कर सकते हैं।
सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘मानव संसाधन प्रबंधन क्षेत्र में अग्निवीर (अग्निपथ) योजना की शुरूआत एक पथ-प्रदर्शक मानव संसाधन भर्ती एवं प्रबंधन पद्धति रही है। यह युवा फौज सुनिश्चित करेगी और तकनीकी रूप से अधिक कुशल एवं पारंगत सैनिकों को विभिन्न पद प्रदान करेगी।” जनरल पांडे ने पुणे में कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग में दीक्षांत समारोह और स्क्रॉल प्रेजेंटेशन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि योजना यह भी सुनिश्चित करती है कि ‘‘श्रेष्ठ में से सर्वश्रेष्ठ” को सशस्त्र बलों की मुख्य जनशक्ति के रूप में बरकरार रखा जाए।
जनरल पांडे ने कहा कि इकाइयों और उप-इकाइयों में अग्निवीरों का एकीकरण महत्वपूर्ण है क्योंकि उनका मूल्यांकन और सेवा में बनाए रखना पूरी तरह से योग्यता पर आधारित है। उन्होंने ग्रेजुएट अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आप सभी अपनी इकाइयों में जमीनी स्तर पर महत्वपूर्ण हितधारक बनने जा रहे हैं। मैं चाहता हूं कि आप एक अच्छे सब-यूनिट कमांडर से अपेक्षित पेशेवर नेतृत्व और मार्गदर्शन दोनों प्रदान करें।” शीर्ष रक्षा अधिकारी ने कहा कि भारतीय सेना पिछले एक साल से बदलाव की राह पर है।
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